अब परिवार मैं सिर्फ दो बच्चे |
लघु कथा।
अभी कुछ ही समय पहले की बात है। एक राजन नाम का आदमी बाइक से अपने घर जा रहा था कि रास्ते में घर के पास एक बाइक से टकरा गया राजन ने उस आदमी की तरफ देखा और घर चला गया 5 मिनट बाद वही आदमी जो टकरा गया था राजन के घर पर तीन चार आदमियों को लेकर आया और उसका दरवाजा खटखटाने लगा राजन बाथरूम में होने की वजह से दरवाजा नहीं खोल पाया और वह आदमी गालियां बकता हुआ चला गया। उस समय राजन की केवल माता जी घर पर थी जो कि ठीक से ना सुन पाती थीं और ना ही चल पाती थी।
राजन जब अपने नित्य कामों को निपट कर बाहर आया तो उसके पड़ोस के लोगों ने बताया कि तीन चार लोग आपका दरवाजा खटखटा ते हुए गालियां बकते हुए चले गए। यह सुनते ही राजन ने अपने तीनों भाइयों को फोन कर बुलाया जो कि उसी शहर में रहते थे और अलमारी से अपनी रिवालवर निकाली इतने में उसके भाई भी असलाह वगैरह लेकर जो जिस पर था। वहां आ गए इतने में जिस आदमी से टक्कर हुई थी। वह भी जोश में वहां पहुंच गया लेकिन यह क्या राजन को उसके भाइयों के साथ देख कर वह आदमी डर गया। और सीधे जाकर पैरों में गिर कर माफी मांगने लगा वह समझ चुका था। कि राजन अकेला नहीं है। राजन को भी यह देखकर खुशी हुई कि हम चार भाइयों को एक साथ देख कर उसके कैसे पसीने छूटे। तभी राजन का 10 वर्ष का बेटा आयन स्कूल से घर आया जो कि काफी उदास था राजन ने आयन से पूछा क्या बात है।
तब आयान ने बताया कि सीनियर क्लास के बच्चे मुझे तंग करते हैं। मैं कई बार कंप्लेंट कर चुका हूं। पर कोई फायदा नहीं होता कल आपको भी मेरे साथ स्कूल चलना पड़ेगा नहीं तो मैं स्कूल नहीं जाऊंगा इस बात पर राजन सोच में पड़ गया। कि हम तो इतने बड़े हैं फिर भी हम डर गए और हमने अपने तीनों भाइयों को बुला लिया। लेकिन आयन तो कितना छोटा है इसके दिल पर क्या बीत रही होगी यह बिल्कुल अकेला है। इसके चाचा ताऊ पर भी एक एक ही बच्चा है यह लोग मुसीबत में किसको बुलाएंगे। तभी उसने सामने से दो लड़कियों को कराटे की यूनिफार्म में जाते हुए देखा जिनकी उम्र लगभग 7 और 8 वर्ष रही होगी उन दोनों लड़कियों के चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास देखा बस फिर क्या था राजन को अपने बेटे की परेशानी के सवाल का जवाब मिल चुका था।
और वह जवाब था Karate Self Defence जी हां आज के अभिभावक कराटे का नाम आते ही उसे फालतू की चीज और पैसे की बर्बादी का दर्जा देते हैं उन अभिभावकों को शायद पता भी नहीं होगा कि बड़े नगरों में केवल हाईप्रोफाइल लोग ही अपने बच्चों को मार्शल आर्ट, कराटे का प्रशिक्षण देते हैं क्योंकि वहां 1 महीने की कराटे की फीस ₹1000 रूपए से लेकर ₹3000 रूपए तक है। जिसमें 1 सप्ताह में केवल 3 दिन प्रशिक्षण दिया जाता है। जबकि छोटे नगरों में यह काफी कम है और प्रशिक्षण भी पूरे सप्ताह दिया जाता है।
कुछ अभिभावक का यह भी मानना है की कराटे से बच्चों की शिक्षा में अंकों का प्रतिशत गिर जाता है। और यह केवल स्कूल की छुट्टियों तक ही सीमित रहना चाहिए। तो ऐसे अभिभावकों को मैं बताना चाहूंगा कि कराटे से शरीर के साथ-साथ मानसिक विकास भी होता है। और सबसे बड़ी बात यह है कि आपके बच्चे में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है क्योंकि आज के समय के लिए बेहद जरूरी है मार्शल आर्ट, कराटे यह केवल छुट्टियों के लिए नहीं है यह पढ़ाई के साथ-साथ ही चलता है। इसलिए आज के समय को देखते हुए अपने बच्चों को आज से ही मार्शल आर्ट, कराटे का प्रशिक्षण दिलवायें।यकीन मानिए जैसे कि आपका बच्चा इंटर कॉलेज करेगा तब तक वह ब्लैक बेल्ट हो चुका होगा। जिससे वह कार्य क्षेत्र के लिए ही नहीं समाज के लिए भी पूरी तरह से तैयार होगा। मार्शल आर्ट, कराटे ही एक ऐसी कला है जो जीवन भर आपके बच्चों के साथ रहेगी।
अगर लड़कियां और महिलाओं को मार्शल आर्ट, कराटे कंपलसरी कर दिया जाए तो उनसे बदतमीजी तो दूर कोई उन्हें टच भी नहीं कर सकता आज के समय में अभिभावकों को जागरूक होने की सख्त जरूरत है आज कई ऐसे मार्शल आर्टिस्ट हैं जो अपने अंदाज से पूरी दुनिया पर राज कर रहे हैं जैसे- जैकी चैन सर, अक्षय कुमार सर, टॉनी झा सर, टाइगर श्रॉफ सर आदि इन सभी लोगों ने भी मार्शल आर्ट्स को काफी समय दिया है। और आज उसका फायदा ले रहे हैं। अगर आपको इस पोस्ट Karate Self Defence की जानकारी अच्छी लगे तो इस पोस्ट को शेयर अवश्य करें और अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो निचे कमेंट करके जरूर बतायें और इस तरह की रोचक जानकारी हिंदी में प्राप्त करने के लीये हमारी हिंदी साइट कराटे सीखो .कॉम का अनुसरण करें धन्यबाद।
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