हेलो साथियों कैसे हैं आप सब, आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि Bharat Ka Number 1 Martial Artist Kon Hai? अगर आप लोग जानना चाहते हैं कि भारत का नंबर वन मार्शल आर्टिस्ट कौन है तो इस लेख को अंत तक पूरा पढ़ें जिससे कि आप अच्छे से समझ पाए कि आखिर भारत का नंबर वन मार्शल आर्टिस्ट कौन हैं?
भारत का नंबर वन मार्शल आर्टिस्ट कौन है? साथियों यह सबसे ज्यादा पूछे जाने वाला सवाल है जोकि गूगल पर भी सबसे ज्यादा सर्च किया जाता है लेकिन इसका सही उत्तर दे पाना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि मार्शल आर्ट के क्षेत्र में अपना नाम सुर्ख़ियों तक ले जाने वाले लोग काफी कम हैं।
लेकिन मुझे आशा है कि इस लेख को पड़ने के बाद आपके मन में चल रहे काफी सवालों के जबाब आपको मिल जाएंगे और अगर इस लेख को पड़ने के बाद भी आपका कोई सवाल हो तो आप इस लेख के अंत में कमेंटबॉक्स में पुंछ सकते हैं। साथियो इस सवाल के सही जबाब के लिए सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि मार्शल आर्ट क्या है?
मार्शल आर्ट क्या है?
मार्शल आर्ट एक प्राचीन कला है। मार्शल आर्ट यानि कि युद्ध कलाएं। वैसे तो हमारे भारत देश को वीरों की धरती कहा जाता है क्योंकि साथियों हमारे भारत देश में एक से बड़े एक शूरवीर योद्धाओं ने जन्म लिया है और अपने युद्ध कौशल का परचम देश ही नहीं विदेशों में भी लहराया है।
यहाँ आपको बता दें कि आत्मरक्षा से लेकर युद्ध करने तक की सभी कलाएं मार्शल आर्ट में ही आती हैं। जैसे कि कुंगफू, तलवार बाजी, किक-बॉक्सिंग, जूडो, सिलम्बम, कसीडो, वुशु, बॉक्सिंग, स्पोर्ट्स कराटे, फुल कांटेक्ट कराटे, मूयी थाई, ताइक्वांडो, सशस्त्र और निहत्थे मुकाबला आदि सभी आर्ट मार्शल आर्ट में ही आती हैं आप बस इतना समझ लीजिए कि कुश्ती और मल्ल युद्ध भी मार्शल आर्ट का ही एक हिस्सा है।
कहा जाता है कि मार्शल आर्ट के जनक भगवान शिव हैं। उन्होंने इस कला का निर्माण मनुष्यों को पाप या क्रूर व्यक्तियों से बचाने के लिए किया था। कई ऋषियों या भिक्षुओं ने कई वर्षों तक भगवान शिव की पूजा की, फिर भगवान शिव ने उन्हें पृथ्वी पर मानवता की रक्षा के लिए नियुद्ध मार्शल आर्ट का आशीर्वाद दिया।
इस कला की शुरुआत सतयुग में हुई थी। इस युग में ऋषि मुनियों (संत) ने उस कला का अध्ययन किया और अपने शिष्यों को खाली हाथ बिना हथियार के लड़ने के लिए दिया। जब उन लोगों ने इसका उपयोग किया तो इसके परिणाम आश्चर्यजनक निकले।
नियुद्ध कला (मार्शल आर्ट) का वर्णन रामायण, महाभारत, शिवपुराण, दुर्गापुराण आदि में पहले ही किया जा चुका है। प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि त्रेतायुग में भगवान श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुगण, परशुराम, जामवंत, हनुमान, शुग्रीव और अंगद मार्शल आर्ट में भलीभांति प्रशिक्षित थे।
द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण, बलराम, युधिष्ठर, जरासंध, अर्जुन, भीम, कर्ण, घटोत्कच और कई अन्य योद्धा इस कला में निपुण थे। मां काली, मां दुर्गा ने भी कई असुरों का संहार शस्त्र से या बिना शस्त्र से किया था।
उसके बाद बौद्धों ने भी इस कला को अपनाया और उन्होंने इसे अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से फैलाया। इस कला को सीखने का उद्देश्य मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक था।
Bharat Ka Number 1 Martial Artist Kon Hai?
अगर इतिहास की बात करें तो भारत के इतिहास में कई महान योद्धाओं के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं जैसे की मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप, सम्राट अशोक, राजा पृथ्वीराज चौहान, चन्द्रगुप्त मौर्य, महाराजा रणजीत सिंह, महारानी लक्ष्मीबाई आदि ये सभी महान योद्धा रहे हैं।
अब आज के समय की बात करें तो अपने भारत में कई मार्शल आर्टिस्ट ऐसे भी हैं। जो की पूरी तरह से मार्शल आर्ट को समर्पित हैं। वे बहुत अच्छे खिलाडी रहे हैं, बहुत अच्छे फाइटर रहे हैं, और वर्तमान में बहुत अच्छे प्रशिक्षक भी हैं। लेकिन इनकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती। इसलिए उनका नाम इस लेख में लिखना उचित नहीं है। इन्हें हम महान मार्शल कलाकार कह सकते हैं।
सही मायने में इन्होने अनगिनत युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया है और उन्हें जीवन के वास्तविक मार्ग का बोध कराया है। में ऐसे सभी महान मार्शल कलाकारों और गुरुओं को ह्रदय से नमन करता हूँ और ईश्वर से उनकी लम्बी उम्र की कामना करता हूँ।
Martial Artist Akshay Kumar Sir
वहीँ अगर बॉलीबुड की बात करें तो खतरों के खिलाड़ी अक्षय कुमार सर भी एक समय मार्शल आर्ट प्रशिक्षक रहे हैं। वर्तमान में वह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बहुत ही साहसी, उत्साही, अपने रॉक-हार्ड एब्स और स्टंट मैन के रूप में प्रसिद्ध अभिनेता हैं। वह आज भी भारतीय युवाओं के लिए मार्शल आर्ट के प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।
अक्षय सर ने भारत और हांगकांग में मार्शल आर्ट का अध्ययन किया है। वे कराटे और मुई थाई में ब्लैक बेल्ट हैं। अक्षय सर पूरी तरह से मार्शल आर्ट को समर्पित हैं, वह एक अच्छे खिलाड़ी होने के साथ-साथ बहुत अच्छे प्रशिक्षक भी हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि अक्षय कुमार सर आज जो कुछ भी हैं वह मार्शल आर्ट की बदौलत हैं।
Martial Artist Vidyut Jamwal
इसी श्रृंखला में बॉलीवुड अभिनेता विद्युत जामवाल का नाम हाल ही में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मार्शल कलाकारों की सूची में शामिल किया गया है। जो की सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। इन्होंने मात्र तीन वर्ष की आयु से भारतीय मार्शल आर्ट कलरीपायट्टु से प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था।
विद्युत जामवाल भारतीय हिन्दी अभिनेता हैं। इनका जन्म: 10 दिसम्बर 1980 को जम्मू के एक राजपूत परिवार में हुआ था ये कश्मीर के राजा डोगरा राजपूत राजा हरि सिंह के वंशज हैं। ऐक्शन फिल्मों में अपनी शानदार भूमिकाओं के लिए इन्हें जाना जाता है। यह स्टंट कलाकार और प्रशिक्षित मार्शल कलाकार भी हैं।
इनके पिता आर्मी ऑफिसर थे, इनके पिता की स्थानांतरणीय नौकरी के कारण ये भारत के विभिन्न हिस्सों में रहे हैं। इनकी माँ द्वारा संचालित केरल के पलक्कड़ में एक आश्रम में कलारीपयट्टु का प्रशिक्षण नियमित रूप से दिया जाता था। जिसमें केवल तीन साल की उम्र से ही विद्युत जामवाल ने मार्शल आर्ट सीखना शुरू कर दिया था।
विद्युत जामवाल विभिन्न रूपों के मार्शल आर्ट कलाकारों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले और कई देशों की यात्रा करने वाले पहले भारतीय मार्शल कलाकार हैं। मार्शल आर्ट में डिग्री हासिल करने के बाद विद्युत जमवाल ने 25 से अधिक देशों की यात्रा की है। जहाँ उन्होंने कई लाइव एक्शन शो किये और उनमें बेहतर प्रदर्शन किया।
निजी जिंदगी में विद्युत जामवाल के फिटनेस, फाइट और बॉडी की बहुत सराहना होती थी। इसलिए उन्होंने मॉडलिंग क्षेत्र चुना और काफी समय तक एक मॉडल के रूप में काम किया और इसी दौरान वे अभिनय की दुनिया में जाने के लिए भी प्रयासरत थे।
एक बेहतरीन मार्शल आर्टिस्ट होने के कारण विद्युत जामवाल को फ़िल्मी दुनियाँ में एक अलग पहचान मिली उनके फाइट सीन्स और स्टंट्स शानदार और रियल होते हैं। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में मार्शल आर्ट का उम्दा प्रदर्शन कर लोगों को आश्चर्य चकित किया है।
2013 में उनकी फिल्म कमांडो रिलीज़ हुई जिसमें उन्होंने सभी स्टंट बिना किसी स्टंटमैन की सहायता के कर लोगों को हैरत में डाल दिया। कमांडो फिल्म के ट्रेलर को YouTube पर लाखों में लाइक मिले। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया भारतीय दर्शको के द्वारा इनके सभी फाइट सीन्स की खूब प्रसंशा हुई।
विद्युत् जामवाल आकर्षक व्यक्तित्व के धनी हैं और वे मार्शल आर्ट के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं, इसका जीता जागता उदाहरण ये है कि विद्युत जामवाल अभी भी बैचलर हैं, और बैचलर होते हुए भी आज तक किसी ने उनकी किसी के साथ अफेयर की खबर नहीं सुनी।
अमेरिकी वेबसाइट लूपर ने दुनियाभर के टॉप मार्शल आर्टिस्ट की लिस्ट जारी की थी, जिसमें बॉलीवुड स्टार विद्युत जामवाल को छठी पोजीशन मिली थी। जो कि सभी भारतियों के लिए बहुत ही गर्व की बात है।
विद्युत जामवाल इस लिस्ट में जगह बनाने वाले पहले भारतीय थे। इस बड़ी उपलब्धी को पाने के बाद उन्होंने कहा कि ”सच में यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। और मैं इसके लिए अपनी कला कलरीपायट्टू का कर्जदार हूं।
साथियो वर्तमान में जबकि कम्पटीशन बहुत ज्यादा है ऐसे समय में मार्शल आर्ट में अपना नाम सुर्ख़ियों में लाना बहुत बड़ी बात है। अगर देखा जाए तो आज भी दुनियाँ के टॉप 10 मार्शल आर्टिस्ट की लिस्ट में विद्युत जामवाल का नाम उल्लेखित है, जिसे आप गूगल कर के देख सकते हैं।
दुनिया के टॉप टेन मार्शल कलाकारों की लिस्ट में नाम होना, मार्शल आर्ट के प्रति डेडिकेशन होना, मार्शल आर्ट का नियमित कठिन अभ्यास करना, खुद को स्वस्थ एवं फिट रखना और सभी कठिन चुनौतियों को स्वीकार करना, ये सभी गुण किसी साधारण मनुष्य में नहीं हो सकते।
उपरोक्त सभी गुणों को ध्यान में रखते हुए, हम मार्शल आर्टिस्ट से बने अभिनेता विद्युत जामवाल सर को निःसंदेह भारत का नंबर वन मार्शल आर्टिस्ट कह सकते हैं।
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